तानसेन समारोह, ग्वालियर

तानसेन समारोह, ग्वालियर (22 से 28 दिसम्बर 2023)

मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, भोपाल द्वारा संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में प्रतिवर्ष तानसेन समारोह का आयोजन ग्वालियर एवं उनकी कर्मस्थली बेहट में किया जाता है। यह देश का अत्यंत प्रतिष्ठित एवं स्थापित संगीत समारोह है जो अनवरत् 98 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। समारोह ने अपनी लम्बी सांगीतिक परम्परा का निर्वाह करते हुए शताब्दी दशक में प्रवेश कर नई ऊँचाइयाँ एवं प्रशंसा अर्जित की है। इस वर्ष पाँच दिवसीय 99वाँ संगीत समारोह दिसम्बर माह में आयोजित है। समारोह का पारम्परिक शुभारम्भ हरिकथा, मीलाद शरीफ़ एवं शहनाई वादन से होता है। इसी अवसर पर संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा देश के किसी शीर्षस्थ कलाकार को तानसेन सम्मान से विभूषित किया जाता है।

भारतीय शास्त्रीय संगीत की जिन विभूतियों के नाम इतिहास ही नहीं जन-जन के हृदय पर अंकित है उनमें तानसेन का नाम प्रमुख है। तानसेन ऐसे गुणी संगीतकार थे जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की सदियों से चली आ रही परम्पराओं में नई अन्वेषण दृष्टि डाली और उसे दिशा दी। शास्त्रीय संगीत को समृद्ध और लोकप्रिय बनाने में तानसेन का योगदान अप्रतिम है। अब तक आयोजित तानसेन समारोहों में देश के लगभग सभी शीर्षस्थ एवं ख्यातिलब्ध कलाकार अपनी स्वरांजलि अर्पित कर चुके हैं। इस वर्ष भी समारोह में देश-विदेश के प्रतिष्ठित एवं प्रतिभाशाली युवा कलाकार शिरकत करेंगे।

वादी-संवादी

तानसेन समारोह की सांगीतिक सभाओं के साथ-साथ एक अन्य महत्वपूर्ण गतिविधि ’वादी-संवादी‘ पिछले चार वर्षों से प्रारम्भ हुई है। संगीत, संगीत साधना, परम्परा, महत्त्व और अनवरतता पर संवाद ’वादी-संवादी‘। यानि संगीत के अनूठे और गरिमामयी आयोजन में संगीत पर समग्रता की प्रस्तुति। इस यात्रा में संगीतज्ञ हमारे सहभागी बने हैं। अपने स्पष्ट विचारों के साथ-साथ सोदाहरण व्याख्यान और समाधान से यह गतिविधि भी प्रशंसित हुई है। संगीत साधक, गुरु-शिष्य परम्परा के वाहक, संगीत अध्य्ोता, ख्यातिलब्ध संगीतज्ञ और संगीत जगत के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर से संगीत रसिकों का रूबरू होना आह्लाद का विषय है। संगीत की बारीकियाँ, घरानों की बंदिशें, परम्पराओं और मूर्धन्य गायक तथा उनकी विशिष्टताएँ जानने-समझने के इस प्रयास से संगीत रसिक इससे लाभान्वित होते हैं।


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About Festival

The famous Tansen Sangeet Samaroh is celebrated every year at the Tansen Tomb in Gwalior, Madhya Pradesh. Tansen Samaroh is a platform where artists from all over India, gather and participate to deliver vocal and instrumental performances.

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